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    भारत लद्दाख में दो महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण कहाँ और क्यों कर रहा है?

    Jun 9, 2020, 16:28 IST

    भारत, चीन से सटे अपने इलाकों में अपनी सेन्य ताकत को बढ़ावा देने के लिए 2 महत्वपूर्ण सडकों का निर्माण कर रहा है.पहली सडक दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएस-डीबीओ) है और दूसरी सड़क ससोमा से सेसर ला तक बनाई जा रही है. आइये इस लेख में इनके बारे में और जानते हैं.

    Indian Road in Ladakh
    Indian Road in Ladakh

    भारत और चीन के बीच सीमा विवाद हमेशा चलता रहता है और इसी तनातनी के बीच ये दोनों ही देश किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयारियां करते रहते हैं. इसी दिशा में भारत ने हाल ही में दो नयी सडकों का निर्माण शुरू किया है. ये दो सड़कें इस प्रकार हैं;

    1. पहली सडक दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएस-डीबीओ) है जो देश के उत्तरी-सबसे चौकी, दौलत बेग ओल्डी को कनेक्टिविटी प्रदान करती है.

    2. दूसरी सड़क जो ससोमा से सेसर ला तक बनाई जा रही है, जो कि एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान कर सकती है. ससोमा-ससेर ला सड़क धुरी डीबीओ के दक्षिण-पश्चिम में है. 

    Darbuk-Shyok-Daulat-Beg-Oldi-road

    इन दोनों परियोजनाओं को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाया जा रहा है. इन सड़कों के निर्माण के लिए लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चीन की सीमा के पास के क्षेत्रों में 11,815 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है.

    इन सड़कों का निर्माण क्यों किया जा रहा है?

    चूंकि भारत और चीन एक दूसरे के साथ जो सीमा साझा करते हैं वह पहाड़ों वाले क्षेत्र में है. इस कारण यदि कोई एक देश अघोषित युद्ध शुरू कर देता है तो जीत उसी के कदम चूमेगी जिसकी सेना और रक्षा सामान आसानी से जल्दी बॉर्डर पर पहुंचेंगे.

    india-china-soldier-fight

    पहाड़ी इलाकों में हवाई जहाज से भी सामान और सैनिकों को पहुँचाने में परेशानी होती है इस कारण सड़कों के माध्यम से ही सामान और सैनिकों को पहुँचाने में आसानी होगी. यही कारण है कि भारत इन क्षेत्रों से सड़क निर्माण को बहुत अधिक प्रमुखता दे रहा है. 

    अर्थात ये दो सड़कें भारतीय सेना को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में मदद करेंगी. सेना इन्हें सब सेक्टर नॉर्थ (Sub Scetor North-SSN) कहती है.

    ससोमा से सेसर ला तक बनाई जा रही सड़क बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के ‘हार्डनेस इंडेक्स-III’ में आता है. इस परियोजना का निर्माण 17,800 की ऊंचाई पर किया जा रहा है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस सड़क का विस्तार ब्रानग सा, मुर्गो और आखिरकार डीबीओ तक किया जा सकता है.

    उम्मीद है कि इन दोनों सडकों के निर्माण से चीन के खिलाफ भारत की रक्षा मजबूती और पुख्ता होगी.

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    Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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