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    भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा

    Mar 8, 2017, 12:13 IST

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), विदेश में स्थित कंपनियों में विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया निवेश है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, पहला ग्रीन फील्ड निवेश (इसके तहत दूसरे देश में एक नई कम्पनी स्थापित की जाती है) और दूसरा पोर्टफोलियो निवेश (इसके तहत किसी विदेशी कंपनी के शेयर खरीद लिए जाते हैं या विदेशी कंपनी का अधिग्रहण कर लिया जाता है)|

    प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) विदेश में स्थित कंपनियों में विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया निवेश है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, पहला ग्रीन फील्ड निवेश (इसके तहत दूसरे देश में एक नई कम्पनी स्थापित की जाती है) और दूसरा पोर्टफोलियो निवेश (इसके तहत किसी विदेशी कंपनी के शेयर खरीद लिए जाते हैं या उसके स्वामित्व वाले विदेशी कंपनी का अधिग्रहण कर लिया जाता है)|

    भारत में निवेश की मंजूरी प्राप्त करने के दो तरीके हैं, पहला स्वत: रूट (automatic route) से या भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से और दूसरा सरकार के माध्यम से (government route)या विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से। स्वत: रूट से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक के से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। निवेशक को केवल (सूचित करने हेतु) भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालय में दस्तावेजों को जमा करने की आवश्यकता होती है। सरकार के माध्यम से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) द्वारा दी जाती है।

    FDI-in-india

    image source:D24 New

    भारत में निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति नही है:  
    I. लॉटरी व्यापार
    II. जुआ और सट्टेबाजी
    III. चिट फंड का कारोबार
    IV. निधि कंपनी (Nidhi Company)
    V. हस्तांतरणीय विकास अधिकार में ट्रेडिंग (TDRs)
    VI. सिगार, सिगरेट तंबाकू या इसके वैकल्पिक वस्तुओं के विनिर्माण में
    VII. परमाणु ऊर्जा
    VIII. रेल परिचालन

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    image source:indiandownunder.com

    भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में 11 रोचक तथ्य

    विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा का विवरण इस प्रकार है

    क्र.सं.

     क्षेत्र

    निवेश की सीमा एवं माध्यम

    1.

     रक्षा क्षेत्र

    49%

    2.

     नागरिक उड्डयन (Civil Aviation)

    स्वतः 49% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (प्रवासी भारतीयों के लिए 100%)

    3.

     सम्पत्ति पुनर्निर्माण कम्पनियां Asset Reconstruction Companies (ARCs)

    100 % (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) –  

    4.

     निजी क्षेत्र के बैंक

     सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक

    74% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) 49% से अधिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    20% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    5.

     प्रसारण

     (i) एफएम रेडियो

     (ii) केबल नेटवर्क

     (iii) डीटीएच  

    26% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    49% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) स्वतः

    74% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) 49% से अधिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    26% (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    6.

     वस्तु विनिमय

    49% (26% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + 23% विदेशी संस्थागत निवेश) स्वतः

    7.

     ऋण संसूचना कम्पनियां

     Credit Information Companies (CICs)

    74% स्वतः (विदेशी संस्थागत निवेश केवल 24 %)

    8.

     बीमा

    49%; 26% तक स्वतः और उससे अधिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    9.

     स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी, क्लियरिंग कॉरपोरेशन

    49% (26% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + 23% विदेशी संस्थागत निवेश) स्वतः

    10.

     पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस शोधन

    49% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मामले में स्वतः

    11.

     समाचार पत्र और समसामयिक समाचार का प्रकाशन

    26%( प्रत्यक्ष विदेशी निवेश + विदेशी संस्थागत निवेश) विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    12.

     निजी क्षेत्र की सुरक्षा एजेंसियां

    49 % विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    13.

     उपग्रह का प्रक्षेपण एवं संचालन

    74 % विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    14.

     एकल ब्रांड उत्पाद की खुदरा बिक्री

    100% शर्तों के अधीन निकास, 49% से अधिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    15.

     मल्टी ब्रांड उत्पाद की खुदरा बिक्री

    51% विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से विभिन्न शर्तों के अधीन

    16.

     दूरसंचार सेवा

    100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - 49% से अधिक विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से

    17.

     फार्मा सेक्टर

    100 % विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के माध्यम से (केवल चिकित्सीय उपकरण को छोड़कर)

    18.

     पावर एक्सचेंज

    29%  (26 % प्रत्यक्ष विदेशी निवेश +23% विदेशी संस्थागत निवेश)

    19.

     रेलवे के बुनियादी ढांचे

    100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - रेलवे विनिर्माण में, 49% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - रेलवे सुरक्षा में

    20.

     विकास से संबंधित निर्माण परियोजनाएं

    100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - विभिन्न परिस्थितियों के अधीन।

    किसी भी देश के विकास में “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश” बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ष 2015 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश इक्विटी (FDI equity) प्रवाह 7454 मिलियन अमेरिकी डॉलर, पुनर्निवेश के रूप में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI through reinvestment) प्रवाह 9457 मिलियन अमेरिकी डॉलर और शुद्ध विदेशी संस्थागत निवेश (FII net inflows) प्रवाह 3129 मिलियन अमेरिकी डॉलर था| अप्रैल 2010 से मई 2015 के बीच कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2,73,163 मिलियन अमेरिकी डॉलर था|

    भारत में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

    Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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