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    प्राचीन भारतीय मुद्राओं का क्या इतिहास है और इनकी वैल्यू कितनी होती थी?

    Feb 24, 2020, 10:33 IST

    फूटी कौड़ी (Footie Cowrie), धेला (Dhela), दमड़ी (Damri), पाई और  पैसा ये भारतीय सिक्कों की ऐसी इकाइयाँ हैं जो कि बहुत पहले ही चलन से बाहर हो गयी हैं. वर्तमान पीढ़ी के बच्चों ने इन सिक्कों को शायद कभी नही देखा होगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने यह लेख प्रकशित किया है, जिसमें यह बताया गया है कि किस सिक्के की वैल्यू कितनी होती थी?

    Indian Currency History
    Indian Currency History

    मनुष्य के बहुत से अविष्कारों में से एक है, रुपये या मुद्रा का अविष्कार. इस अकेले अविष्कार ने पूरी दुनिया का नक्सा ही बदल दिया है. रुपये के विकास ने ना केवल पूरी दुनिया में आर्थिक और सामाजिक तत्रों का विकास किया है बल्कि लोगों के जीने के तरीकों को ही बदल दिया है.

    इसी मुद्रा को लेकर समाज में कई तरह की कहावतें भी प्रचलित हुईं हैं जैसे, सोलह आने सच, मेरे पास फूटी कौड़ी भी नहीं है, मेरा नौकर एक धेले का भी काम नहीं करता है और चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाये.

    लेकिन क्या आजकल की पीढ़ी यह जानती है कि कौड़ी, दमड़ी, धेला, पाई और सोलह आने की वैल्यू कितनी होती थी? यदि नहीं तो आइये इस लेख में इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं.

    आइये जानते हैं कि रुपये का अविष्कार कैसे हुआ? (History of Indian Currency)

    मानव सभ्यता के विकास के प्रारंभिक चरण में वस्तु विनिमय चलता था लेकिन बाद में लोगों की जरूरतें बढ़ी और वस्तु विनिमय से कठिनाइयाँ पैदा होने लगीं जिसके कारण कौड़ियों से व्यापार आरम्भ हुआ जो कि बाद में सिक्कों में बदल गया.

    भारत में सिक्कों का आकार क्यों घटता जा रहा है?

    वर्तमान में जो रुपया चलता है दरअसल यह कई सालों के बाद रुपया बना है. सबसे पहले चलन में फूटी कौड़ी थी जो बाद में कौड़ी बनी. इसके बाद;

    A. कौड़ी से दमड़ी बनी   

    B. दमड़ी से धेला बना 

    C. धेला से पाई बनी  

    D. पाई से पैसा बना 

    E. पैसे से आना बना 

    F. आना से रुपया बना और अब क्रेडिट कार्ड और बिटकॉइन का जमाना आ गया है.

    प्राचीन मुद्रा की एक्सचेंज वैल्यू इस प्रकार थी;

    256 दमड़ी =192 पाई=128 धेला =64 पैसा =16 आना =1 रुपया 

    अर्थात 256 दमड़ी की वैल्यू आज के एक रुपये के बराबर थी.

    History-indian-coins

    अन्य मुद्राओं की वैल्यू इस प्रकार है; (Exchange Value of Old Indian Currency)

    I. 3 फूटी कौड़ी (Footie Cowrie) =1 कौड़ी 

    II.10 कौड़ी (Cowrie) =1 दमड़ी 

    III. 2 दमड़ी (Damri) =1 धेला 

    IV. 1.5 पाई (Pai) =1 धेला 

    V. 3 पाई =1 पैसा (पुराना)

    VI. 4 पैसा =1 आना 

    ek-anna

    VII.16 आना (Anna)=1 रुपया 

    VIII.1 रुपया =100 पैसा 

    इस प्रकार ऊपर दिए गये पुराने समय की मुद्राओं की वैल्यू से स्पष्ट है कि प्राचीन समय में मुद्रा की सबसे छोटी इकाई फूटी कौड़ी थी जबकि आज के समय में यह इकाई पैसा है. 

    भारत में कौन से सिक्के चलन से बाहर हो गये हैं?

    भारतीय वित्त मंत्रालय ने 30 जून 2011 से बहुत ही कम वैल्यू के सिक्के जैसे 1 पैसे, 2 पैसे, 3 पैसे, 5 पैसे, 10 पैसे, 20 पैसे और 25 पैसे मूल्यवर्ग के सिक्के संचलन से वापस लिए गए हैं अर्थात अब ये सिक्के भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं. इसलिए कोई भी दुकानदार और बैंक वाला इन्हें लेने से मना कर सकता है और उसको सजा भी नहीं होगी.

    नोट: ध्यान रहे कि भारत में 50 पैसे का सिक्का अभी वैध सिक्का है इस कारण बैंक, दुकानदार और पब्लिक उसको लेने से मना नहीं कर सकते हैं. यदि कोई 50 पैसे का सिक्का लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

    उम्मीद है कि इस लेख में पढ़ने के बाद वर्तमान पीढ़ी के बहुत से बच्चे अब प्राचीन मुद्राओं को मुहावरों से हटकर भी पहचान सकेंगे.

    भारत में सिक्का ना लेने पर क्या सजा हो सकती है?

    नोट पर क्यों लिखा होता है कि “मैं धारक को 100 रुपये अदा करने का वचन देता हूँ.”

    Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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