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    बर्फ की सिल्लियों से बनी थी भारत की पहली AC Train, जानें

    Jul 27, 2023, 14:06 IST

    यह बात सभी लोगों को पता है कि भारत में पहली ट्रेन साल 1853 में मुंबई से ठाणे की बीच चली थी। इन दो स्टेशनों की बीच की दूरी करीब 27 किलोमीटर थी। हालांकि, क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में पहली AC Train कब चली थी। आपको बता दें कि भारत में पहली एसी ट्रेन में वास्तव में एसी नहीं लगा था, बल्कि उसमें बर्फ की सिल्लियों को लगाकर उसे एसी ट्रेन का रूप दिया गया था। इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत की पहली एसी ट्रेन के बारे में बताएंगे। 

    पहली एसी ट्रेन
    पहली एसी ट्रेन

    भारत में यदि रेलवे के इतिहास की बात करें, तो यह सभी लोगों को पता है कि भारत की पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के बीच साल 1853 में चली थी। इन दोनों स्टेशनों के बीच ट्रेन ने करीब 27 किलोमीटर का रूट तय किया था।

    समय के साथ-साथ रेलवे का विकास हुआ और वर्तमान में 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जो कि 7 हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों से गुजरती हैं।

    यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए अब हम AC कोच में भी सफर करते हैं, जिससे बाहर चाहे सूरज के कितने भी कड़े तेवर हो, लेकिन एसी कोच के अंदर की ठंडी हवा के आगे वह गर्मी बेसर से लगती है।

    हालांकि, यहां सवाल यह है कि क्या आपको भारत की पहली एसी ट्रेन के बारे में पता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम भारत की पहली एसी ट्रेन के बारे में जानेंगे।

     

    कब चली थी भारत की पहली AC Train

    भारत में 1853 में ट्रेन चलने के बाद अंग्रेजों ने रेलवे नेटवर्क को विस्तार देना शुरू कर दिया था। इसके बाद साल 1928 में वह समय भी आया, जब अंग्रेजों ने भारत में पहली एसी ट्रेन का संचालन किया। 

     

    कौन-सी थी पहली AC Train

    आपको बता दें कि भारत की पहली एसी ट्रेन का नाम Punjab Mail था। इस ट्रेन को 1928 में मुंबई से पाकिस्तान के शहर पेशावर तक चलाया जाता था, जिसमें अंग्रेजी अधिकारी सफर किया करते थे।

    हालांकि, कुछ समय बाद इसमें महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी सफर किया। 

     

    1934 में बदल दिया था नाम

    अंग्रेजों ने साल 1934 में इस ट्रेन का नाम बदल दिया था। उन्होंने इस ट्रेन का नाम पंजाब मेल से बदलकर फ्रंटियर मेल कर दिया था। उस समय यह ट्रेन मुंबई से दिल्ली, हरियाणा और अमृतर होते हुए पाकिस्तान तक जाती थी। 

     

    बर्फ की सिल्लियों का किया जाता था इस्तेमाल

    भारत की पहली एसी ट्रेन का कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, उस समय इलेक्ट्रॉनिक एसी नहीं हुआ करता था। ऐसे में अंग्रेजी अधिकारी गर्मी में यात्रा करने के दौरान ट्रेनों में बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल करते थे। इसके लिए स्टेशन से बड़ी-बड़ी बर्फ की सिल्लियों को ट्रेन में लोड कर दिया जाता था।

     

    खास बात यह है कि इन सिल्लियों को ट्रेन के कंपार्टेमेंट के नीचे रखा जाता था और उनके ऊपर एक पंखा लगा दिया जाता था। यह पंखा बैट्री से चलता था, जो कि बर्फ की ठंडक को कंपार्टेमेंट में फैला देता था।

    आपको बता दें कि बर्फ को चेक करने के लिए हर स्टेशन पर अलग से स्टाफ भी तैनात किया जाता था, जो कि ट्रेन में बर्फ की स्थिति की जांच करता था। यदि बर्फ अधिक पिघल गई होती थी, तो उसे बदल दिया जाता था। 

     

    पढ़ेंः Indian Railways: रेलवे में क्या होती है NMG ट्रेन और किसलिए होता है इस्तेमाल, जानें

    Kishan Kumar
    Kishan Kumar

    Senior content writer

    A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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