Focus

    भारत की सबसे पुरानी ट्रेन कौन-सी है, जानें

    Aug 8, 2025, 12:40 IST

    भारत में आपने अलग-अलग ट्रेनों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। इनमें कुछ ट्रेनें लंबे-लंबे रूट पर चलती हैं, तो कुछ ट्रेनें बहुत-ही छोटे रूट पर चलती हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे पुरानी ट्रेन कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

    भारत की सबसे पुरानी ट्रेन
    भारत की सबसे पुरानी ट्रेन

    भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन कही जाती है। इसके कुल नेटवर्क की बात करें, तो इसका 67 हजार से अधिक किलोमीटर का नेटवर्क है, जिसमें करीब 8 हजार रेलवे स्टेशन आते हैं। इन रेलवे स्टेशनों से प्रतिदिन 13 हजार से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और इन ट्रेनों से करोड़ों यात्री सफर करते हैं।

    आपने भारत में चलने वाली अलग-अलग ट्रेनों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे पुरानी ट्रेन कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

    क्या है भारतीय रेलवे का इतिहास

    भारतीय रेलवे का इतिहास 160 साल से भी अधिक पुराना है। पहली रेलवे लाइन का प्रस्ताव 1832 में मद्रास (चेन्नई) में ब्रिटिश सरकार ने रखा था।

    हालांकि, इस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया। इसके बाद 1837 में मद्रास के नजदीक रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक पहली रेलवे लाइन बिछाई गई, जिसका उपयोग ग्रेनाइट के परिवहन के लिए हुआ था। वहीं, 1845 में गोदावरी नदी पर बांध के निर्माण के लिए पत्थर की आपूर्ति के लिए डॉवलेश्वरम में और 1851 में रुड़की में सोलानी एक्वाडक्ट के निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए अस्थायी रूप से रेलवे लाइन बिछाई गई थीं। 

    कब चली पहली पैसेंजर ट्रेन

    भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन का संचालन 16 अप्रैल 1853 को किया गया था। यह ट्रेन बोरीबंदर (बॉम्बे) से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी पर चली थी। ट्रेन में कुल 14 डिब्बे जोड़े गए थे और इन्हें साहिब, सिंध और सुल्तान नामक भाप से चलने वाले लोकोमोटिव द्वारा खींचा गया था। उस समय इस ट्रेन में कुल 400 यात्रियों ने यात्रा की थी। 

    कौन-सी है सबसे पुरानी ट्रेन 

    भारत की सबसे पुरानी ट्रेन की बात करें, तो यह हावड़ा- कालका मेल है। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के कलकत्ता से लेकर हरियाणा के पंचकूला के कालका शहर तक चलती है।

    कितनी पुरानी है ट्रेन

    भारत में हावड़ा-कालका मेल बीते 158 सालों से यात्रियों की सेवा में चल रही है। 

    1891 में हुआ विस्तार

    पहले यह ट्रेन हावड़ा से दिल्ली तक चलती थी। हालांकि, साल 1891 में इसके रूट में विस्तार किया गया और यह कालका तक पहुंची। 

    इस नाम से भी जानी जाती है ट्रेन 

    हावड़ा-कालका मेल को हम नेताजी एक्सप्रेस के नाम से भी जानते हैं, जो कि भारतीय रेलवे की प्रमुख ट्रेनों में शामिल है।

    हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

    Gaurav Kumar
    Gaurav Kumar

    Chief Manager

    Gaurav Kumar leads content strategy and development for the US section, as well as the School and General Knowledge sections at JagranJosh.com. With over 18 years of experience in the education sector, Gaurav has held key positions at renowned organizations such as Galgotias College of Engineering, The Manya Group (The Princeton Review), and Jagran New Media. He is committed to delivering high-quality, engaging educational content and is passionate about leveraging Artificial Intelligence to enhance learning experiences. A strong advocate for the integration of technology in education, Gaurav is dedicated to driving innovation in the field. He can be reached at gaurav.kumar@jagrannewmedia.com

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

    Trending

    Latest Education News