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    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में क्या मुख्य अंतर होता है?

    Mar 18, 2020, 19:38 IST

    Difference between Public and Private company:पब्लिक लिमिटेड कंपनी के ऊपर सरकार और शेयरधारकों का कब्ज़ा होता है और इसकी स्थापना के लिए कम से कम 7 सदस्यों की जरुरत होती है. जबकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी निजी लोगों के स्वामित्व वाली कंपनी होती है; जिसकी स्थापना करने के लिए कम से कम 2 लोगों की जरुरत होती है. 

    Private company vs.Public-company
    Private company vs.Public-company

    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की परिभाषा (Definition of Private Limited Company)
    एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक संयुक्त स्टॉक कंपनी है, जो भारतीय कंपनी अधिनियम, 2013 या किसी अन्य पिछले अधिनियम के तहत स्थापित की गयी है.

    यह स्वैच्छिक रूप से बनाए गए व्यक्तियों का एक संघ है, जिसकी न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 1,00,000 होती है. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए कम से कम 2 लोगों की जरुरत अवश्य होती है. प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मौजूदा कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 200 हो सकती है.

    इस प्रकार की कंपनी को अपने शेयर पब्लिक या आम लोगों को बेचने की अनुमति नही होती है. यदि किसी कंपनी में ये सब विशेषताएं पायीं जातीं हैं तो उस कंपनी को अपने नाम के अंत में 'प्राइवेट लिमिटेड' शब्द का उपयोग करना पड़ता है.

    (Examples of Private Limited Companies)

    private companies india
    Image source:Business Standard

    पब्लिक लिमिटेड कंपनी की परिभाषा (Definition of Public Limited Company)
    एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी या पीएलसी एक संयुक्त स्टॉक कंपनी है जिसे भारतीय कंपनी अधिनियम, 2013 या किसी अन्य पिछले अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया है. यह स्वैच्छिक रूप से स्थापित व्यक्तियों का एक संघ है, जिसकी न्यूनतम पेड-उप पूंजी रु. 5 लाख होती है. इस प्रकार की कंपनी खोलने के लिए कम से कम 7 सदस्यों की जरुरत होती है लेकिन अधिकतम सदस्यों के लिए कोई ऊपरी सीमा तय नही है.

    (Examples of Public Limited Companies)

    navratna companies
    Image source:Telecom Talk
    इस प्रकार की कम्पनी में शेयरों के हस्तांतरण पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है. कंपनी शेयर या डिबेंचर को सामान्य जनता को बेच सकती है; और यही कारण है कि इस प्रकार की कंपनियों के नाम में 'पब्लिक लिमिटेड' शब्द को जोड़ा जाता है.

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    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मुख्य अंतर
    1. पब्लिक लिमिटेड कंपनी शुरू करने के लिए कम से कम सात सदस्य होने चाहिए इसके विपरीत, निजी कंपनी को कम से कम दो सदस्यों के साथ शुरू किया जा सकता है.

    2.एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी में सदस्यों की अधिकतम संख्या पर कोई सीमा नहीं है; इसके विपरीत, एक निजी कंपनी में अधिकतम 200 सदस्य हो सकते हैं.

    3. पब्लिक लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी को कहा जाता है जो कि एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती है और सार्वजनिक रूप से कारोबार करती है जबकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक ऐसी कंपनी होती है जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं होती है और इसका मालिकाना हक़ इसके मालिकों के पास रहता है.

    4. एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का आकार सार्वजनिक कंपनी की तुलना में छोटा होता है और वित्तीय स्रोत भी कम होते हैं.

    5. एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के पास कम से कम तीन निदेशक होने चाहिए, जबकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कम से कम 2 निदेशकों को रखना अनिवार्य होता है.

    6.किसी सार्वजनिक कंपनी के मामले में सदस्यों की एक जनरल मीटिंग बुलाना अनिवार्य होता है, जबकि निजी कंपनी के मामले में ऐसी कोई मजबूरी नहीं है.

    7. पब्लिक लिमिटेड कंपनी के मामले में वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का कोरम पूरा करने के लिए बैठक में कम से कम पांच सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना चाहिए. एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मामले में यह संख्या 2 होनी चाहिए.

    BOD MEETING

    8. पब्लिक लिमिटेड कंपनी के लिए प्रॉस्पेक्टस जारी करना या प्रॉस्पेक्टस के स्थान पर बयान देना अनिवार्य होता है जबकि ऐसा प्रावधान एक निजी कंपनी के मामले में नहीं होता है.

    9. किसी पब्लिक लिमिटेड कंपनी के शेयरधारक अपने शेयरों को स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित/बेच सकते हैं जबकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ऐसा करने की छूट नही होती है.

    10. एक व्यवसाय शुरू करने के लिए, सार्वजनिक कंपनी को अपनी स्थापना होने के बाद व्यवसाय शुरू करने के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है; इसके विपरीत, एक निजी कंपनी स्थापना प्रमाण पत्र प्राप्त करने के तुरंत बाद अपना व्यवसाय शुरू कर सकती है.

    11. किसी पब्लिक लिमिटेड कंपनी से मिलने वाला लाभ सरकार और कंपनी के शेयर धारकों को मिलता है जबकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से प्राप्त होने वाला लाभ निजी लोगों को मिलता है.

    उपर्युक्त अंतरों के आधार पर कहा जा सकता है कि इन दोनों प्रकार की कंपनियों में काफी अंतर(Difference between Public and Private company) होता है. पब्लिक लिमिटेड कंपनी का मालिकाना हक़ सरकार के हाथ में होता है और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर किसी निजी व्यक्ति का अधिकार होता है.

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