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    International Yoga Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है

    Jun 19, 2023, 15:24 IST

    International Yoga Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है. इसे विश्व योग दिवस भी कहते हैं. क्या आप जानते है कि योग की शुरुआत कहा से हुई, कब हुई, इसके पीछे क्या इतिहास है, 21 जून को ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं इत्यादि जैसे प्रश्नों के उत्तर आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं. साथ ही इस लेख के माध्यम से हम इस वर्ष योग दिवस की थीम के बारे में भी जानेंगे। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

    International Day of Yoga
    International Day of Yoga

     International Yoga Day 2023: भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव COVID-19 महामारी के कारण Virtually आयोजित किया जाएगा, और मुख्य कार्यक्रम केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जाएंगे.

    लोगों के स्वास्थ्य पर योग के महत्व और प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. 'योग' शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है शामिल होना या एकजुट होना.

    योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो लोगों को शांति, आत्मविश्वास और साहस देता है जिसके माध्यम से वे बेहतर तरीके से कई गतिविधियां कर सकते हैं. दुनिया भर में योग विभिन्न रूपों में प्रचलित है.

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023: विषय या थीम

     अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 का थीम है "Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam". 

     

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: इतिहास

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व योग दिवस भी कहते हैं. यह 21 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है और पहली बार यह 2015 में 21 जून को मनाया गया था. इसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी और इसी वजह से 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया. संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को 11 दिसम्बर 2014 को मंजूरी मिली थी.

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में नरेंद्र मोदी ने कहा, "योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है; विचार और कार्य; संयम और पूर्ति; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य; स्वास्थ्य और कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण पैदा करता है. यह अभ्यास के बारे में नहीं है बल्कि अपने आप, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना को खोजने के लिए है. हमारी जीवनशैली बदलकर और चेतना पैदा करके, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में हमारी मदद कर सकता है. आइये हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को अपनाने की दिशा में काम करें".

    संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम के कुटेसा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की और 170 से अधिक देशों ने इस योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया था. जिससे यह सामने आया कि लोग भी जानते हैं, की योग के कई लाभ है जिनमें से कुछ दृश्य और कुछ अदृश्य होते है.

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    क्या आप जानते हैं कि योग कहा से आरंभ हुआ

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    Source: www.mylifeyoga.com

    1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद को स्वामी विवेकानंद ने संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने उस समय के आधुनिक युग में पश्चिमी दुनिया का योग से परिचय करवाया था. उसके बाद कई पूर्वी गुरुओं व योगियों ने दुनिया भर में योग का प्रसार किया और बड़े पैमाने पर लोगों ने इसको स्वीकार करना शुरू किया. यहां तक कि योग को एक विषय के रूप में भी अध्ययन किया जाने लगा और फिर यह सामने आया कि योग के काफी दीर्घकालिक फायदें होते है.

    पिछले पचास सालों में यह एक अंतर्राष्ट्रीय घटना ही नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के हजारों लाखों लोगों ने इसको अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाया है और काफी लाभ उठाए हैं.

    भारत में योग की उत्पति कैसे हुई?

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    Source: www.www.mea.gov.in

    पूर्व-वैदिक काल से ही भारत में योग की शुरुआत मानी जाती हैं. यह हाजारों सालो से भारतियों की जीवनशैली का हिस्सा बना हुआ है. योग भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अहम हिस्सा है जिसमें मानवता के दोनों भौतिक तत्वों और आध्यात्मिक उत्थान के गुण हैं। यह ज्ञान, कर्म और भक्ति का आदर्श मिश्रण है. भारत में महर्षि पतंजली का योगदान महत्वपूर्ण हैं उन्होंने ही योग सूत्रों में योग मुद्राओं या प्रथाओं को संहिताबद्ध और व्यवस्थित किया हैं.

    आखिर 21 जून ही क्यों योग उत्सव का दिन चुना गया?

    21 जून सदगुरुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए चुना गया हैं. इस दिन ग्रीष्म संक्रांति होती है. जब सूर्य धरती की दृष्टि से उत्तर से दक्षिण की ओर चलना शुरू करता है. यानी सूर्य जो अब तक उत्तरी गोलार्ध के सामने था, अब दक्षिणी गोलार्ध की तरफ बढऩा शुरु हो जाता है. योग के नजरिए से यह समय संक्रमण काल होता है, यानी रूपांतरण के लिए बेहतर समय होता है. इसीलिए 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया है.

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    संक्रांति या उत्तरायण (21 जून के आसपास) के समय आदियोगी (प्रथम योगी) ने दक्षिण की तरफ प्रस्थान किया और सबसे पहले उनकी नजर सप्त ऋषियों पर पड़ी जो कि आगे जाके इनके पहले शिष्य बनें. जिन्होनें दुनिया के कई हिस्सों में योग के विज्ञान का प्रचार प्रसार किया. यह अद्भुत बात है कि 21 जून मानव के इतिहास में इस महत्वपूर्ण घटना को चिह्नित करता है. उत्तरी गोलार्ध में यह तारीख पुरे वर्ष का सबसे लंबा दिन भी है और दुनिया के कई हिस्सों में इसका विशेष महत्व है.

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उद्देश्य क्या हैं?

    - लोगों को योग के फायदों के बारे में जागरूक करना और उनको प्राकर्तिक से जोड़ना.

    - पूरे विश्व भर में स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को घटाना.

    - पुरे विश्व में वृद्धि, विकास और शांति को फैलाना.

    - लोगों को शारीरिक और मानसिक बीमारियों के प्रति जागरुक बनाना और योग के माध्यम से इसका समाधन उपलब्ध कराना.

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    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह

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    Source: www.jammulinks.news

    21 जून, 2015 को भारतीय प्रधान मंत्री और करीबन 36000 लोगों ने नई दिल्ली में राजपथ में पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाया गया था. 35 मिनट तक 21 योग आसन या योग मुद्राओं का प्रदर्शन हुआ था. इस समारोह ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स बनाए: पहला सबसे बड़ी योग क्लास के होने का जिसमे 35,000 से ज्यादा लोग थे और दूसरा 84 देशों के लाखों लोगों ने इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड स्थापित किया. स्वयं आयुष के मंत्री श्रीपद नाइक ने इस रिकॉर्ड को ग्रहण किया था.

    केंद्रीय योग के रूप में “तालमेल” के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 का वैश्विक समारोह मनाया गया था.

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    Source: www.cdn.narendramodi.in

    21 जून, 2016 को आयुष मंत्रालय ने "द नेशन इवेंट ऑफ़ मास योगा डेमोंस्ट्रेशन" नामक एक समारोह का आयोजन चंडीगढ़ में किया था जिसमें अन्य लोगों के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाग लिया था.

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 का विषय था "कनेक्ट द यूथ" (Connect the Youth).

    21 जून, 2017 को लखनऊ उत्तरप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था जहां एक और नया रिकॉर्ड बना. इस समारोह में लगभग 150 देशों के लोगों ने भाग लिया और प्रतिभागियों की संख्या लगभग 51,000 तक थी.

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 का विषय था “योगा फॉर हेल्थ” (Yoga for Health).

     21 जून, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया था. इस समारोह में लगभग 50,000 प्रतिभागियों की संख्या थी.

    चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 का विषय या थीम था 'शांति के लिए योग' (Yoga for Peace).

    21 जून, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के रांची में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया था. इस समारोह में लगभग 18,000 प्रतिभागियों की संख्या थी.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2021) के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. COVID -19 महामारी के मद्देनजर, मुख्य कार्यक्रम एक टेलीविजन कार्यक्रम होगा, जो सुबह 6.30 बजे प्रधान मंत्री के भाषण के साथ शुरू होगा. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दूरदर्शन के सभी चैनलों पर प्रसारित होने वाले लाइव योग प्रदर्शन के बाद 15 आध्यात्मिक नेताओं और योग गुरुओं के संदेश आएंगे. 

    योग से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं

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    Source: www. thumbs.dreamstime.com

    - योग से शारीर और मन दोनों स्वस्थ होते है.

    - अगर नियमित योग अभ्यास किया जाए तो सभी स्वास्थ्य चुनौतीयों को  पार लगाया जा सकता है.

    - योग से मानसिक ही नही बल्कि शांतिपूर्ण वातावरण भी होता है.

    - हमारी बदलती जीवन शैली के लिए भी योग करना अनिवार्य है. यह हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद कर सकता है.

    - योग से शरीर में लचीलापन ओर मांसपेशियों में ताकत आती हैं.

    - रेस्पीरेशन, उर्जा और शक्ति का विकास होता है.

    - संतुलित चयापचय बनाए रखता है.

    - वजन कम करने में और कार्डियो सिस्टम को स्वस्थ रखने में मदद करता है आदि.

    इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया भर में स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों को कम करने में योग मदद करता है. यह लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है, ध्यान का अभ्यास करने और तनाव से राहत पाने में मदद करता है. यह स्वास्थ्य और सतत स्वास्थ्य विकास की सुरक्षा के बीच संबंध प्रदान करता है. इसलिए, हमें नियमित रूप से योग का अभ्यास करना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.

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    Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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