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    एशियाई चीताः तथ्यों पर एक नजर

    Jul 19, 2016, 17:46 IST

    एशियाई चीता (Acinonyx jubatus venaticus) ( हिन्दी के 'चीता' से “cheetah”, जो संस्कृत शब्द चित्रक से बना है जिसका अर्थ है "धब्बेदार") को आजकल ईरानी चीता भी कहा जाने लगा है। फिलहाल यह सिर्फ ईरान में पाया जाता है। कभी– कभी इसे बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में भी देखा गया है। भारत में इसे भारतीय चीता कहते हैं हालांकि अब यह भारत में नहीं पाया जाता।

    एशियाई चीता (Acinonyx jubatus venaticus) ( हिन्दी के 'चीता' से “cheetah”, जो संस्कृत शब्द चित्रक से बना है जिसका अर्थ है "धब्बेदार") को आजकल ईरानी चीता भी कहा जाने लगा है। फिलहाल यह सिर्फ ईरान में पाया जाता है। कभी– कभी इसे बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में भी देखा गया है। भारत में इसे भारतीय चीता कहते हैं हालांकि अब यह भारत में नहीं पाया जाता। एक व्यस्क एशियाई चीते के सिर और शरीर की लंबाई 112 – 135 सेमी के बीच होती है। इसका वजन 34 किलोग्रा. से 54 किलोग्रा. तक होता है। मादा की तुलना में नर थोड़े बड़े होते हैं।

    एशियाई चीता का स्थानः


    एशियाई चीते की तस्वीर:


    छवि स्रोत: www.linkedin.com

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    तथ्यों पर एक नजरः

    1. आज सिर्फ ईरान में पाया जाने वाला एशियाई चीता विलुप्तप्राय प्रजातियों में से एक है। यह ईरान के विशाल केंद्रीय रेगिस्तान में बाकी बचे उपयुक्त निवास स्थान में रहता है।
    2. वर्ष 2015 तक, ईरान में सिर्फ 20 चीता थे लेकिन अभी भी कुछ इलाकों का सर्वेक्षण नहीं किया गया है। अनुमान के अनुसार एशियाई चीतों की कुल आबादी करीब 40 से 70 है। 
    3. एशियाई चीते करीब 32,000 और 67,000 वर्ष पूर्व अपने अफ्रीकी रिश्तेदारों से अलग हुए थे। यूरेशियाई बनबिलाव (lynx) और फारसी तेंदुओं के साथ यह आज की तारीख में ईरान में पाए जाने वाले बड़ी बिल्लियों की तीन प्रजातियों में से एक है।
    4. एशियाई चीता दुनिया में जमीन पर चलने वाला सबसे तेज पशु है। यह 120 किमी/ घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है।
    5. व्यस्क एशियाई चीते के सिर और शरीर की लंबाई 112 से 135 सेमी तक हो सकती है। पूंछ को शामिल करें तो यह 66 और 84 सेमी के बीच होगा। इसका वजन करीब 34 से 54 किलोग्राम के बीच होता है लेकिन नर चीता मादा से थोड़ा बड़ा होता है।
    6. चीता खुले मैदानों, छोटे समतल प्रदेशों, अर्द्ध–रेगिस्तानी इलाकों और अन्य खुले निवास स्थान में बढ़ते हैं। यहां इनका शिकार करना आसान होता है। एशियाई चीते ईरान के पूर्वी हिस्से में दश्त–ए–काविर के आस–पास के रेगिस्तानी इलाके में मुख्य रूप से पाए जाते हैं।
    7. एशियाई चीते छोटे हिरणों का शिकार करते हैं। ईरान में, जेबीर गजेली (चिंकारा भी कहा जाता है), ग्वाइटर्ड गजेली, जंगली भेड़ें, जंगली बकरी और खरहा (Cape hare) इनका मुख्य भोजन हैं।
    8. एशियाई चीते संकटग्रस्त पशुओं की आईयूसीएन लाल सूची में विलुप्तप्राय प्रजाति के तहत रखे गए हैं।
    9. भारत में काफी समय से चीतों की मौजूदगी रही है लेकिन शिकार और अन्य कारणों की वजह से 1940 के दशक के बाद से ये देश से समाप्त हो गए थे।
    10. बीते 100 वर्षों में भारत से विलुप्त होने वाले पशुओं में चीता एक मात्र पशु है।
    Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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