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    भारत और पाकिस्तान के बीच 'बासमती चावल' को लेकर क्या विवाद है?

    Dec 14, 2020, 21:33 IST

    परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी भारत और पाकिस्तान के बीच बासमती चावल को लेकर एक नई जंग छिड़ गई है।  भारत ने अपने यहां होने वाले 'बासमती चावल' के GI टैग के लिए आवेदन किया है। GI टैग मिलने के बाद चावल की इस किस्‍म पर पूरा अधिकार भारत का होगा। 

    GI Tag controversy
    GI Tag controversy

    परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी भारत और पाकिस्तान के बीच बासमती चावल को लेकर एक नई जंग छिड़ गई है। दरअसल, भारत ने अपने बासमती चावल को जियोग्रैफिकल इंडेक्‍स टैग (GI tag) की मान्‍यता देने के लिए यूरोपियन यूनियन में आवेदन किया है। इस खबर से पाकिस्‍तान में हलचल मच गई है। पाकिस्तान ने भारत के दावे को यह तर्क देते हुए खारिज कर दिया कि उसके किसान भी बासमती चावल उगाते हैं।

    यूरोपीय संघ (EU) के आधिकारिक जर्नल के अनुसार, भारत ने अपने यहां होने वाले 'बासमती चावल' के GI टैग के लिए आवेदन किया है। GI टैग मिलने का मतलब यह होगा कि चावल की इस किस्‍म पर पूरा अधिकार भारत का होगा। 

    भारत ने अपने GI tag के आवेदन में क्या कहा?

    भारत ने अपने आवेदन में कहा है कि बासमती एक लंबे दानों वाला चावल है जो कि भारतीय उप-महाद्वीप के एक खास भौगोलिक क्षेत्र में उगाया जाता है। जिस इलाके में इसकी खेती होती है, वह उत्‍तर भारत का हिस्‍सा है। भारत के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली, हिमाचल प्रदेश के हर जिले में बासमती चावल की फसल तैयार होती है। इसके अलावा पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और जम्‍मू-कश्‍मीर के कुछ जिलों में भी बासमती उगाया जाता है।

    भारत के मुकाबले पाकिस्‍तान का बासमती चावल महंगा बिकता है। वहां टेक्‍सटाइल्‍स के बाद बासमती चावल का ही सबसे ज्‍यादा निर्यात होता है। ऐसे में भारत के इस कदम की वजह से पाकिस्तानी चावल निर्यातक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावनाएं हैं।

    बासमती को लेकर कभी साथ लड़े थे भारत-पाकिस्तान

    अमेरिका में पैदा होने वाले चावलों को तकरीबन दो दशक पहले बासमती बताकर जियोग्रैफिकल इंडेक्‍स टैग (GI tag) की मान्‍यता देने की कोशिश की गई थी। उस वक्त वर्ल्‍ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में भारत और पाकिस्‍तान ने मिलकर इसका विरोध किया था। इस लड़ाई में भारत और पाकिस्तान दोनों ही जीते थे और दोनों ही देशों में GI tag बनाने की शुरुआत हुई थी।

    भारत के किन राज्यों के बासमती चावल के लिए GI tag मिला है?

    साल 2010 में भारत के सात राज्‍यों में उगने वाले बासमती चावल को GI टैग मिला था। इसमें पंजाब, हरयाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रेदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। भारत हर साल करीब 33 हजार करोड़ रुपए के बासमती चावल एक्सपोर्ट करता है। 

    जियोग्रैफिकल इंडेक्‍स टैग (GI tag) क्या होता है?

    जियोग्रैफिकल इंडेक्‍स टैग (GI tag) किसी भी उत्पाद पर उपयोग किया जाने वाला एक संकेत है जो एक विशिष्ट भौगोलिक मूल और क्षेत्र में अच्छे गुणों या प्रतिष्ठा को सुनिश्चित करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो इस टैग से किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को एक खास पहचान मिलती है। जैसे- चंदेरी की साड़ी, दार्जिलिंग की चाय, बनारसी साड़ी आदि।

    अगर पाकिस्तान यूरोपीय संघ (EU) में जियोग्रैफिकल इंडेक्‍स टैग (GI tag) का दावा हार जाता है तो ये उसके लिए परेशानी का सबब बन जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान से यूरोप हर साल करीब आधा बिलियन डॉलर की कीमत के चावल एक्‍सपोर्ट होते हैं, जिस पर भारत के जीतने से नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।  इसके साथ ही मिडल ईस्‍ट के बाजारों में भी पाकिस्‍तानी बासमती चावल की मांग घटने की पूर्ण आशंका है।

    आपको बता दें कि बासमती चावल दोनों देशों के पंजाब प्रांत में उगाया जाता है और वैश्विक बासमती बाजार में भारत की हिस्सेदारी 65% है, जबकि शेष हिस्सेदारी पाकिस्तान की है। 

    Arfa Javaid
    Arfa Javaid

    Content Writer

    Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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