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    जानिए कैसे LCA Tejas आत्मनिर्भर भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा?

    Feb 15, 2021, 21:30 IST

    एलसीए-तेजस (LCA Tejas) आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े का आधारस्‍तंभ बनेगा। इसमें बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिन्हें कभी भारत में नहीं अपनाया गया। इस विमान में फिलहाल 50% स्वदेशी सामग्री है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाकर 60% तक किया जाएगा।

    LCA Tejas
    LCA Tejas

    चीन और पाकिस्तान से सीमा विवाद के चलते प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए 83 तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas Light Combat Aircraft) के अधिग्रहण के लिए 48,000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी दे दी है। इसके साथ डिजाइन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये की भी मंजूरी दी गई है।

    रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सीसीएस ने 45,696 करोड़ रुपये की खरीद को मंज़ूरी दी है जिसमें 73 तेजस एमके -1 ए  लड़ाकू विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षक विमान शामिल हैं। 

    बेंगलुरू में एयरो इंडिया शो (Aero India Show 2021) के पहले दिन 83 तेजस विमान की खरीद के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया। ये लड़ाकू विमान कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के तीन साल के भीतर ही भारतीय वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे।

    रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (Department of Defence Research and Development) के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency) द्वारा डिजाइन किए गए तेजस एमके -1 ए (Tejas Mk-1A) मल्टीरोल लाइट फाइटर्स का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा और ये तेजस एमके -1 (Tejas Mk-1) से बेहतर होगा।  

    बता दें कि भारतीय वायुसेना ने पुराने वेरिएंट के 40 फाइटर विमान दो डील्स में खरीदे गए थे- 20 प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (Initial Operational Clearance) मानक विमान थे (16 लड़ाकू विमान और चार प्रशिक्षक विमान), जबकि 20 अंतिम परिचालन मंजूरी (Final Operational Clearance) मानक विमान थे।

    आत्मनिर्भर भारत के लिए गेम चेंजर

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पोस्ट्स में इस सौदे को सबसे बड़ी स्वदेशी रक्षा खरीद बताया है। इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि यह भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।

    उन्होंने आगे कहा कि एलसीए-तेजस (LCA Tejas) आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े का आधारस्‍तंभ बनेगा और इसमें बड़ी संख्या में नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जिन्हें कभी भारत में नहीं अपनाया गया। इस विमान में फिलहाल 50% स्वदेशी सामग्री है, जिसे आने वाले समय में बढ़ाकर 60% तक किया जाएगा।

    बुनियादी ढांचे के विकास को भी मिली मंज़ूरी

    कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने IAF द्वारा बुनियादी ढाँचे के विकास को भी मंजूरी दे दी है जिससे वे अपने बेस डिपो में मरम्मत या सर्विसिंग को सक्षम कर सकें, जिससे मिशन क्रिटिकल सिस्टम के लिए विमान में माल लादने और उतारने का समय कम हो जाएगा और परिचालन उपयोग के लिए विमान की उपलब्धता बढ़ जाएगी।

    ऐतिहासिक निर्णय

    एचएएल ने पहले ही अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजनों में दूसरी लाइन विनिर्माण सुविधाएं स्थापित कर दी हैं।  इन नई सुविधाओं से लैस होकर हिन्‍दुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड  हल्‍के लड़ाकू विमान एमके-1 ए का उत्‍पादन करेगा और इसे समय पर भारतीय वायुसेना को उपलब्‍ध कराएगा। यह निर्णय मौजूदा एलसीए पारिस्थितिकी तंत्र का काफी विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा।

    रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि एलसीए-तेजस कार्यक्रम भारतीय एयरोस्पेस विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र में बदलने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।

    भारतीय वायुसेना  के स्क्वॉड्रन में इजाफा

    एलसीए ( LCA) भारतीय वायु सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली मंच साबित होगा। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े की ताकत को बनाए रखने के लिए LCA महत्वपूर्ण होगा। 

    भारतीय वायुसेना के पास 42 की अधिकृत स्क्वाड्रन ताकत है और इस समय भारत के पास केवल 30 स्क्वाड्रन हैं। बता दें कि एक स्क्वॉड्रन में कम से कम 18 फाइटर जेट होते हैं।  एचएएल से 83 तेजस विमान मिलने के बाद तीन से चार स्क्वॉड्रन में इजाफा होगा। 2024 तक मिग -21 विमान को चरणबद्ध तरीके से हटाने के साथ, भारतीय वायुसेना अपनी स्क्वाड्रन ताकत का निर्माण कर रही है।

    तेजस एमके -1 ए के बारे में

    रक्षा मंत्रालय के अनुसार एमके -1 ए वैरिएंट एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक 4+ पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो एक्टिव इलैक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार, विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलों, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट और हवा में ईंधन भरने (AAR) की क्षमता जैसे महत्वपूर्ण घटकों से लैस है, जो भारतीय वायु सेना (IAF) की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म होगा। साल 2016 में भारतीय वायुसेना में इसकी पहली स्क्वाड्रन बनाई गई थी। 

    फ्रांस से कई बैचों में 36 राफेल उड़ाए जाने के अलावा, भारतीय वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सरकारी मंजूरी भी मिल गई है, जिसमें 21 मिग -29 और 12 सु -30 एमकेआई शामिल हैं, और मौजूदा 59 मिग -29 विमानों का उन्नयन है। इसे रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा 38,900 करोड़ रुपये के पैकेज के हिस्से के रूप में जुलाई 2020 में मंजूरी दी गई थी। 

    आइए जानते हैं भारतीय युद्धपोत INS Vikramaditya के बारे में

    Arfa Javaid
    Arfa Javaid

    Content Writer

    Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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