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    भारत में सीनियर सिटीजन्स को क्या-क्या सुविधाएँ और छूट मिलतीं हैं?

    Mar 26, 2020, 10:45 IST

    वर्तमान में दिल्ली की केजरीवाल सरकार; 60-69 वर्ष तक के वृद्ध लोगों को हर माह 2000 रुपये और 70 साल से अधिक के वृद्धों के लिए 2500 रुपये हर महीने देती है.लेकिन इस स्कीम का लाभ लेने वाले व्यक्ति की सभी स्रोतों से आय 1 लाख प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए. आइये इस लेख में जानते हैं कि भारत में विभिन्न योजनाओं के तहत सीनियर सिटीजन्स को क्या क्या सुविधाएँ मिलतीं हैं.

    Senior Citizen of India
    Senior Citizen of India

    जनगणना 2011 के अनुसार भारत में करीब 104 मिलियन सीनियर सिटीजन्स (60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के) हैं; 53 मिलियन महिलाएं और 51 मिलियन पुरुष हैं. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि और हेल्पएज इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में सीनियर सिटीजन्स की संख्या 2026 तक 173 मिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है.

    संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2000 से 2050 के बीच भारत की कुल जनसंख्या वृद्धि 56% रहेगी जिसमें 60 वर्ष से अधिक के लोगों की आबादी 326% बढ़ेगी और 80 वर्ष से अधिक के वृद्धों की आबादी में 700% वृद्धि होगी. इस प्रकार 2050 तक भारत की कुल जनसंख्या में वृद्धों की आबादी 19% होगी.

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    भारत में ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष फिक्स्ड है. इसका मुख्य कारण हैं कि लोगों का शरीर कमजोर और याददाश्त कम होने लगती है. इस प्रकार सरकारी और सामाजिक तौर पर 60 वर्ष से अधिक के लोगों को सीनियर सिटीजन मान लिया जाता है.

    इस लेख में हम उन सुविधाओं और रियायतों के बारे में बताने जा रहे है जो कि सरकार की ओर से सीनियर सिटीजन्स को दी जातीं हैं.

    1. इनकम टैक्‍स में छूट: भारत में सीनियर सिटीजन्स को दो श्रेणियों में बांटा गया है. जिन व्यक्तियों की उम्र 60 से 79 वर्ष के बीच हैं उनको 'सीनियर सिटीजन्स' कहा जाता है और जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है उनको सुपर सीनियर सिटीजन्स की श्रेणी में रखा जाता है.

    भारत में इन दोनों प्रकार के सीनियर सिटीजन्स को आयकर में छूट दी गयी है. ज्ञातव्य है कि 60 से 79 वर्ष के बीच के सीनियर सिटीजन्स को 3 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय पर इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा सुपर सीनियर सिटीजन को 5 लाख/वर्ष की इनकम पर इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है.

    2. रेल और बस किराये में छूट: भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन यात्रियों को टिकट में रियायत देता है. छूट लेने के लिए पुरुष के लिए 60 साल की उम्र सीमा तय है. अगर कोई व्यक्ति 60 साल का है तो उसे सभी क्लास के टिकट पर 40% छूट मिलेगी. महिलाओं के लिए उम्र सीमा 58 साल है और उन्हें सभी क्लास के टिकट पर 50% छूट मिलती है. यह ऑफर हर तरह की ट्रेन जैसे शताब्‍दी, राजधानी, दुरंतो, एक्‍सप्रेस और मेल ट्रेनों में मिलता है.

    कुछ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और स्‍टेट गर्वमेंट के द्वारा सीनियर सिटीजन्स को बस किराये में छूट दी जाती है. इसके अलावा बस की कुछ सीटें भी सीनियर सिटीजन्स के लिए रिज़र्व रहतीं हैं.

    ध्यान रहे कि जब भी कोई बुजुर्ग व्यक्ति टिकट खरीदे तो उसे अपनी उम्र का प्रमाण पत्र दिखाना जरूरी होता है.

    सरकार ने सीनियर सिटिजंस के लिए टिकट आरक्षण केंद्र पर अलग टिकट काउंटर भी बनाए हैं. इसके अलावा सरकार सभी प्रमुख स्टेशनों पर व्हील चेयर सुविधा भी प्रदान करती है.

    wheel chair to senior citizen

    Image source:Hindu Business Line

    3. हवाई यात्रा किराये में छूट: अगर किसी सीनियर सिटीजन की उम्र 60 साल से ज्‍यादा है और वह भारत का नागरिक है तो उसे डोमेस्टिक उड़ान के लिए 50% का डिस्‍काउंट मिलेगा. सरकारी कंपनी एयर इंडिया 60 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों को टिकट दर में 50 फीसदी की रियायत देती है. यह छूट एयर इंडिया के विमान से विदेश जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी मिलती है.

    4. सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर अधिक ब्याज: भारत के सीनियर सिटीजन्स को बैंकों में जमा धन पर अधिक ब्याज मिलता है लेकिन लोन सस्ते रेट पर मिल जाता है. वर्तमान में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सीनियर सिटीजन्स के लिए एक करोड़ रुपये से नीचे की सावधि जमा पर 5 से 10 साल के लिए जमा करने पर 7.35% की दर से ब्याज मिलता है. जबकि इसी अवधि और राशि के लिए अन्य खाता धारकों को सिर्फ 6.75% का ब्याज मिलता है. एफडी में निवेश करने के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न होती है.

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    इसके अलावा सरकार की तरफ से इस तरह की विभिन्न स्कीम के रिटर्न पर टैक्स भी नहीं लगाया जाता है.

    5. वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension): देश और प्रदेश की सरकारें वृद्ध लोगों को बुढ़ापे में भी स्वाभिमान से जीने के लिए वृद्धावस्था पेंशन देतीं हैं. वर्तमान में दिल्ली की केजरीवाल सरकार; 60-69 वर्ष तक के वृद्ध लोगों को हर माह 2000 रुपये और 70 साल से अधिक के वृद्धों के लिए 2500 रुपये हर महीने देती है.लेकिन इस स्कीम का लाभ लेने वाले व्यक्ति की सभी स्रोतों से आय 1 लाख प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए.

    उत्तरर प्रदेश में 60 के उपर सभी वृद्ध को 500 रूपए हर महीने पेंशन मिलती है. यह योजना राशि जनवरी 2020 से बढाई गयी है.इस योजना का लक्ष्य 50 लाख से अधिक लोगों को पेंशन प्रदान करना है.

    6.स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान में छूट: जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढती जाती है उसको बीमारियाँ घेरने लगतीं हैं. इसलिए लोगों के इलाज में आने वाले खर्च और स्वास्थ्य बीमा के लिए दिया गया प्रीमियम भी आय कर से छूट पाता है.

    भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80D के तहत वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान में 50 हजार रुपये तक की छूट मिलती है. इसके अलावा आयकर में यह छूट उन कर दाताओं को भी मिलेगी जो कि अपने माता-पिता की ओर से प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं.

    7. मेडिकल बिल में छूट: बजट 2018 में सरकार ने सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए कैंसर, मोटर न्यूरॉन रोग, एड्स इत्यादि जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाले चिकित्सा खर्चों के लिए छूट सीमा को बढ़ा दिया है. अब वर्ष 60 से ऊपर के सभी वृद्ध जन आयकर अधिनियम की धारा 80DDB के तहत ऊपर लिखी गयी बीमारियों के लिए 1 लाख रुपये तक के इलाज पर इनकम टैक्स में रिबेट ले सकते हैं अर्थात अब इन लोगों को अपनी कुल आय में से ‘और एक लाख रुपये’ की आय पर कर नहीं देना होगा.

    8. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: यह 60 वर्ष तथा उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन योजना है. इस योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को मासिक पेंशन विकल्प चुनने पर 10 वर्षों के लिए 8% की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगा. अगर वार्षिक पेंशन विकल्प चुने तो 10 वर्षों के लिए 8.3% की गारंटीशुदा रिटर्न (वापसी) मिलेगा.

    वर्ष 2018 के बजट में वित्त मंत्री ने ‘वय वंदना योजना' में निवेश की सीमा को दुगुना करते हुए 15 लाख रुपये कर दिया था. निवेश सीमा बढ़ने से वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह 10 हजार रूपए तक पेंशन मिल सकेगी.

    इस प्रकार ऊपर लिखी गयी योजनाओं और रियायतों से यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार सीनियर सिटीजन्स को विभिन्न तरह की सुविधाओं के माध्यम से राहत उपलब्ध कराती है ताकि ये लोग अपने आप को समाज की मुख्य धारा से जुड़ा हुआ समझते रहें और समाज में आत्मसम्मान सहित जियें.

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    Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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